टेंडर एक्सेक्यूटिव का काम क्या होता है
आज के अत्यधिक प्रतिस्पर्धी व्यावसायिक परिदृश्य में, सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में नए व्यावसायिक अवसरों को सुरक्षित करना किसी भी संगठन के विकास और स्थिरता के लिए सर्वोपरि है। यहीं पर 'टेंडर' (Tender) की अवधारणा आती है। सरल शब्दों में, एक टेंडर किसी उत्पाद, सेवा या परियोजना के लिए औपचारिक निमंत्रण होता है, जो एक खरीदार (सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम, या एक बड़ी निजी कंपनी) द्वारा संभावित विक्रेताओं या आपूर्तिकर्ताओं (कंपनियों) को प्रस्तुत किया जाता है। यह एक पारदर्शी प्रक्रिया है जो खरीदार को सर्वोत्तम गुणवत्ता, मूल्य और दक्षता वाले प्रस्ताव का चयन करने में मदद करती है।
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Tender Executive Jobs |
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये टेंडर कैसे तैयार किए जाते हैं, उनका विश्लेषण कैसे होता है, और सफलता सुनिश्चित करने के लिए उन पर कैसे प्रतिक्रिया दी जाती है? इस पूरी जटिल प्रक्रिया के केंद्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका है: टेंडर एग्जीक्यूटिव (Tender Executive) की। यह वह पेशेवर है जो न केवल अवसरों की पहचान करता है, बल्कि उन्हें वास्तविकता में बदलने के लिए कंपनी के प्रस्तावों को तैयार करने, जमा करने और प्रबंधित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। टेंडर एग्जीक्यूटिव किसी भी कंपनी के राजस्व सृजन और दीर्घकालिक विकास के लिए एक अदृश्य इंजन की तरह काम करते हैं, जो पृष्ठभूमि में अथक रूप से काम करते हुए नए अनुबंधों और परियोजनाओं को सुरक्षित करने का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
टेंडर एग्जीक्यूटिव की भूमिका और जिम्मेदारियां
टेंडर एग्जीक्यूटिव की भूमिका सिर्फ कागजी कार्रवाई से कहीं अधिक है; यह एक रणनीतिक और बहुआयामी कार्य है जिसमें अत्यधिक सटीकता, विश्लेषणात्मक कौशल और उत्कृष्ट संचार की आवश्यकता होती है। यह भूमिका कंपनी के व्यावसायिक विकास विभाग के लिए महत्वपूर्ण है और सीधे नए राजस्व स्ट्रीम के अधिग्रहण को प्रभावित करती है। आइए उनकी मुख्य जिम्मेदारियों को विस्तार से देखें:
टेंडर अवसरों की पहचान और ट्रैकिंग:
यह टेंडर एग्जीक्यूटिव की पहली और सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उन्हें विभिन्न स्रोतों से नए टेंडर अवसरों को सक्रिय रूप से खोजना होता है। इसमें शामिल हैं:
- सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल (GeM, CPSE पोर्टल, राज्यों के पोर्टल): भारत में, सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां अपनी अधिकांश खरीद ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल्स के माध्यम से करती हैं। टेंडर एग्जीक्यूटिव को इन पोर्टल्स की लगातार निगरानी करनी होती है।
- निजी कंपनियों के खरीद पोर्टल: कई बड़ी निजी कंपनियां भी अपनी खरीद प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग करती हैं।
- समाचार पत्र और उद्योग पत्रिकाएं: कुछ टेंडर अभी भी प्रिंट मीडिया में प्रकाशित होते हैं, खासकर स्थानीय या विशिष्ट परियोजनाओं के लिए।
- उद्योग संघ और चैंबर ऑफ कॉमर्स: ये संगठन अक्सर अपने सदस्यों के साथ टेंडर अवसरों की जानकारी साझा करते हैं।
- नेटवर्किंग और ग्राहक संबंध: मौजूदा ग्राहकों या उद्योग संपर्कों से भी अप्रत्यक्ष रूप से टेंडर के बारे में जानकारी मिल सकती है।
- सब्सक्रिप्शन सेवाएं: कुछ कंपनियां विशिष्ट टेंडर अलर्ट सेवाएं प्रदान करती हैं जिनके लिए सब्सक्रिप्शन लेना पड़ता है।
- ट्रैकिंग और लॉगिंग: उन्हें मिले हर संभावित टेंडर को एक व्यवस्थित लॉग में दर्ज करना होता है, जिसमें अंतिम तिथि, पात्रता मानदंड और प्रमुख आवश्यकताएं शामिल हों।
टेंडर दस्तावेजों का गहन विश्लेषण:
एक बार जब एक संभावित टेंडर मिल जाता है, तो अगला कदम टेंडर दस्तावेजों का विस्तृत विश्लेषण करना होता है। ये दस्तावेज अक्सर सैकड़ों पृष्ठों के हो सकते हैं और इनमें जटिल तकनीकी, वाणिज्यिक और कानूनी खंड शामिल होते हैं। टेंडर एग्जीक्यूटिव को यह समझना होगा कि:
- योग्यता मानदंड (Eligibility Criteria): क्या कंपनी टेंडर के लिए पात्र है? इसमें न्यूनतम टर्नओवर, पिछले अनुभव, तकनीकी योग्यता, प्रमाणन आदि शामिल हो सकते हैं।
- तकनीकी विशिष्टताएं (Technical Specifications): क्या कंपनी द्वारा प्रदान किए जाने वाले उत्पाद या सेवा टेंडर में उल्लिखित तकनीकी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं?
- वाणिज्यिक शर्तें (Commercial Terms): भुगतान शर्तें, बैंक गारंटी, प्रदर्शन गारंटी, दंड खंड (penalty clauses), मूल्य निर्धारण संरचना (fixed price, cost-plus, etc.)।
- कानूनी और नियामक आवश्यकताएं: संबंधित कानून, लाइसेंस, परमिट, और अनुपालन की आवश्यकताएं।
- समय-सीमा (Timelines): प्रस्ताव जमा करने की अंतिम तिथि, तकनीकी प्रस्तुति की तिथि, वाणिज्यिक बोली खोलने की तिथि आदि।
- जोखिम मूल्यांकन (Risk Assessment): टेंडर में निहित जोखिमों की पहचान करना, जैसे कि अत्यधिक कठोर शर्तें, अवास्तविक समय-सीमा, या अत्यधिक प्रतिस्पर्धा।
यह विश्लेषण महत्वपूर्ण है ताकि यह तय किया जा सके कि टेंडर पर बोली लगानी है या नहीं, और यदि हाँ, तो किस रणनीति के साथ आगे बढ़ना है।
प्रस्ताव (Bid/Proposal) की तैयारी और समन्वय:
यह टेंडर एग्जीक्यूटिव की सबसे बड़ी और सबसे समय लेने वाली जिम्मेदारी है। उन्हें एक व्यापक और सुसंगत प्रस्ताव तैयार करना होता है जो क्लाइंट की सभी आवश्यकताओं को पूरा करता हो और कंपनी की क्षमताओं को सर्वोत्तम रूप से प्रस्तुत करता हो। इसमें विभिन्न विभागों के साथ समन्वय शामिल होता है:
- तकनीकी टीम (Technical Team): समाधान वास्तुकला, तकनीकी विशिष्टताओं, कार्यप्रणाली और कार्यान्वयन योजना पर इनपुट के लिए।
- बिक्री/व्यापार विकास टीम (Sales/Business Development Team): ग्राहक की आवश्यकताओं को समझने और कंपनी की यूएसपी (Unique Selling Propositions) को उजागर करने के लिए।
- वित्त टीम (Finance Team): मूल्य निर्धारण, लागत अनुमान, लाभप्रदता विश्लेषण और वित्तीय प्रस्ताव तैयार करने के लिए।
- कानूनी टीम (Legal Team): कानूनी शर्तों की समीक्षा करने और अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए।
- एचआर टीम (HR Team): यदि परियोजना के लिए विशिष्ट मानव संसाधनों की आवश्यकता है।
- विपणन टीम (Marketing Team): यदि ब्रोशर, केस स्टडीज या अन्य विपणन सामग्री की आवश्यकता है।
- प्रस्ताव लेखन (Proposal Writing): उन्हें प्रस्ताव के विभिन्न वर्गों (कार्यप्रणाली, परियोजना योजना, टीम संरचना, ग्राहक संदर्भ, सीवी आदि) को व्यवस्थित और पेशेवर तरीके से लिखना होता है।
- दस्तावेज संकलन (Document Compilation): सभी आवश्यक सहायक दस्तावेज, जैसे कंपनी पंजीकरण प्रमाण पत्र, वित्तीय विवरण, अनुभव प्रमाण पत्र, प्रमाणन आदि को इकट्ठा करना और व्यवस्थित करना।
- गुणवत्ता जांच (Quality Check): यह सुनिश्चित करना कि प्रस्ताव सटीक, पूर्ण, त्रुटि-मुक्त है, और सभी टेंडर आवश्यकताओं का अनुपालन करता है।
ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल पर प्रस्ताव जमा करना:
आजकल, अधिकांश टेंडर ऑनलाइन पोर्टल्स के माध्यम से जमा किए जाते हैं। टेंडर एग्जीक्यूटिव को इन पोर्टल्स की कार्यप्रणाली से परिचित होना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रस्ताव अंतिम तिथि से पहले सफलतापूर्वक अपलोड और जमा कर दिया जाए। इसमें डिजिटल हस्ताक्षर, एन्क्रिप्शन और विभिन्न दस्तावेज़ प्रारूपों को संभालना शामिल हो सकता है। किसी भी तकनीकी खराबी या समय सीमा से पहले की समस्या के लिए तैयारी आवश्यक है।
बोली के बाद की गतिविधियां (Post-Bid Activities):
प्रस्ताव जमा करने के बाद भी टेंडर एग्जीक्यूटिव की भूमिका समाप्त नहीं होती है। उन्हें:
- क्लैरिफिकेशन / क्वेरी हैंडलिंग: खरीदार द्वारा पूछे गए किसी भी स्पष्टीकरण या प्रश्न का समय पर जवाब देना।
- तकनीकी प्रस्तुतियाँ (Technical Presentations): यदि आवश्यक हो, तो तकनीकी टीम के साथ मिलकर क्लाइंट को प्रस्तुतीकरण तैयार करने और देने में सहायता करना।
- वाणिज्यिक बातचीत (Commercial Negotiations): यदि कंपनी शॉर्टलिस्ट की जाती है, तो वित्त और बिक्री टीम के साथ मिलकर वाणिज्यिक शर्तों पर बातचीत में सहायता करना।
- बोली परिणाम विश्लेषण (Bid Outcome Analysis): टेंडर जीतने या हारने के बाद, परिणामों का विश्लेषण करना ताकि भविष्य के प्रयासों के लिए सीख हासिल की जा सके। यदि हार जाते हैं, तो फीडबैक प्राप्त करने का प्रयास करना ताकि सुधार किया जा सके।
डेटाबेस प्रबंधन और रिकॉर्ड-कीपिंग:
निरंतर सुधार और भविष्य के संदर्भ के लिए, टेंडर एग्जीक्यूटिव को एक मजबूत डेटाबेस बनाए रखना होता है जिसमें शामिल हों:
- सभी टेंडर अवसरों का रिकॉर्ड (जीते गए, हारे हुए, छोड़े गए)।
- तैयार किए गए प्रस्तावों की एक लाइब्रेरी।
- मानक टेम्पलेट्स और दस्तावेज़।
- ग्राहक और उद्योग के रुझानों पर जानकारी।
टेंडर एग्जीक्यूटिव वह धुरी है जिसके चारों ओर कंपनी की बोली लगाने की प्रक्रिया घूमती है। उन्हें बहु-कार्य करने में सक्षम होना चाहिए, तीव्र गति वाले वातावरण में काम करना चाहिए, और विस्तार के लिए गहरी नजर रखनी चाहिए। यह एक चुनौतीपूर्ण लेकिन बेहद फायदेमंद भूमिका है जो सीधे कंपनी की निचली रेखा और उसके बाजार में स्थिति को प्रभावित करती है।
टेंडर एग्जीक्यूटिव के लिए आवश्यक कौशल और योग्यताएं
एक सफल टेंडर एग्जीक्यूटिव बनने के लिए, केवल इच्छाशक्ति ही पर्याप्त नहीं है; इसके लिए एक विशेष कौशल सेट और कुछ विशिष्ट योग्यताएं आवश्यक हैं। यह भूमिका तकनीकी ज्ञान, विश्लेषणात्मक क्षमता और उत्कृष्ट पारस्परिक कौशल का एक अनूठा मिश्रण मांगती है। आइए इन पर विस्तार से गौर करें:
शैक्षिक पृष्ठभूमि और योग्यताएं:
यद्यपि 'टेंडर एग्जीक्यूटिव' के लिए कोई एक विशिष्ट डिग्री नहीं है, कुछ शैक्षणिक पृष्ठभूमि इस भूमिका के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती हैं:- स्नातक डिग्री (किसी भी विषय में): अधिकांश कंपनियों को न्यूनतम स्नातक डिग्री की आवश्यकता होती है। कला, वाणिज्य या विज्ञान किसी भी संकाय से स्नातक उम्मीदवार इस क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं, बशर्ते उनमें आवश्यक कौशल हों।
- इंजीनियरिंग या तकनीकी डिग्री: विशेष रूप से उन उद्योगों में जहाँ टेंडर तकनीकी रूप से जटिल होते हैं (जैसे आईटी, निर्माण, विनिर्माण, ऊर्जा), इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि (बी.टेक., बी.ई. - कंप्यूटर साइंस, सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल आदि) वाले उम्मीदवारों को वरीयता दी जाती है। यह उन्हें तकनीकी विशिष्टताओं को समझने और क्लाइंट की आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से जानने में मदद करता है।
- एमबीए (मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन): एमबीए की डिग्री व्यावसायिक रणनीतियों, वित्त और प्रबंधन में गहरी समझ प्रदान करती है, जो टेंडर के वाणिज्यिक और रणनीतिक पहलुओं को समझने में सहायक होती है।
- प्रासंगिक प्रमाणन: कुछ कंपनियां खरीद (Procurement) या अनुबंध प्रबंधन (Contract Management) में विशिष्ट प्रमाणन (जैसे CPM - Certified Professional in Supply Management) वाले उम्मीदवारों को महत्व देती हैं, हालांकि यह अक्सर आवश्यक नहीं होता है।
- कानूनी पृष्ठभूमि (वैकल्पिक): यदि कोई उम्मीदवार कानून की डिग्री रखता है, तो यह कानूनी खंडों और अनुबंधों को समझने में एक बड़ा लाभ प्रदान करता है, हालांकि यह एक विशिष्ट आवश्यकता नहीं है।
तकनीकी कौशल (Software & Tools Proficiency):
आज के डिजिटल युग में, टेंडर एग्जीक्यूटिव को विभिन्न सॉफ्टवेयर और ऑनलाइन टूल्स में निपुण होना चाहिए:- माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस सूट (MS Office Suite):
- MS Word: प्रस्तावों, पत्रों और अन्य दस्तावेजों को तैयार करने के लिए उत्कृष्ट लेखन और फॉर्मेटिंग कौशल।
- MS Excel: वित्तीय विश्लेषण, डेटा ट्रैकिंग, टेंडर लॉग, और जटिल तालिकाओं को बनाने के लिए उन्नत कौशल। यह बोली मूल्य निर्धारण, लागत अनुमान, और डेटा को व्यवस्थित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- MS PowerPoint: ग्राहक प्रस्तुतियों और आंतरिक बैठकों के लिए प्रभावी स्लाइड डेक बनाने के लिए।
- Outlook: ईमेल संचार और कैलेंडर प्रबंधन के लिए।
- ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल (E-Procurement Portals): भारत में GeM (Government e-Marketplace), CPSE पोर्टल, और विभिन्न राज्यों के ई-टेंडरिंग पोर्टल्स जैसे प्लेटफार्मों पर काम करने का व्यावहारिक अनुभव अनिवार्य है। इन पोर्टल्स पर पंजीकरण, टेंडर डाउनलोड करना, प्रश्नोत्तर सत्र में भाग लेना, बोली अपलोड करना और डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग करना जानना आवश्यक है।
- CRM सॉफ्टवेयर (Customer Relationship Management Software): कुछ कंपनियां Salesforce, Zoho CRM आदि का उपयोग करती हैं ताकि ग्राहक इंटरैक्शन और अवसर ट्रैकिंग को प्रबंधित किया जा सके।
- डेटाबेस प्रबंधन उपकरण: टेंडर डेटाबेस को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने के लिए।
- प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर (वैकल्पिक): यदि टेंडर प्रक्रिया बड़ी और जटिल है, तो Asana, Trello, या Monday.com जैसे उपकरणों का ज्ञान उपयोगी हो सकता है।
गैर-तकनीकी (Soft) कौशल:
तकनीकी कौशल के अलावा, ये गैर-तकनीकी कौशल एक टेंडर एग्जीक्यूटिव की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:- विश्लेषणात्मक क्षमता (Analytical Skills): यह शायद सबसे महत्वपूर्ण कौशल है। टेंडर दस्तावेजों की सैकड़ों-पृष्ठों की जटिलता में से महत्वपूर्ण जानकारी निकालने, आवश्यकताओं का विश्लेषण करने, जोखिमों का मूल्यांकन करने और डेटा-संचालित निर्णय लेने की क्षमता अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- उत्कृष्ट लिखित और मौखिक संचार कौशल (Excellent Written & Verbal Communication Skills):
- लिखित संचार: स्पष्ट, संक्षिप्त, त्रुटि-मुक्त और प्रेरक प्रस्ताव लिखने की क्षमता। टेंडर दस्तावेजों को समझना और उनके अनुसार प्रतिक्रिया देना।
- मौखिक संचार: आंतरिक टीमों और कभी-कभी बाहरी ग्राहकों के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करने की क्षमता, प्रश्न पूछना, जानकारी स्पष्ट करना और प्रस्तुतीकरण देना।
- विस्तार पर ध्यान (Attention to Detail): एक भी छोटी सी गलती, छूटी हुई जानकारी, या गलत संख्या टेंडर को अयोग्य ठहरा सकती है। टेंडर एग्जीक्यूटिव को अत्यंत सतर्क और बारीक विवरणों पर ध्यान देने वाला होना चाहिए।
- समय प्रबंधन और संगठन कौशल (Time Management & Organizational Skills): टेंडर अक्सर सख्त समय-सीमा के साथ आते हैं। कई टेंडरों को एक साथ प्रबंधित करने, प्राथमिकताओं को निर्धारित करने और समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने की क्षमता महत्वपूर्ण है। व्यवस्थित रहना और दस्तावेजों को कुशलता से प्रबंधित करना भी आवश्यक है।
- समस्या-समाधान कौशल (Problem-Solving Skills): टेंडर प्रक्रिया के दौरान अप्रत्याशित चुनौतियां (जैसे दस्तावेज़ की कमी, तकनीकी त्रुटियां) उत्पन्न हो सकती हैं। इन समस्याओं को रचनात्मक और प्रभावी ढंग से हल करने की क्षमता महत्वपूर्ण है।
- परस्पर संबंध बनाने और समन्वय कौशल (Interpersonal & Coordination Skills): टेंडर एग्जीक्यूटिव को विभिन्न आंतरिक विभागों (तकनीकी, वित्त, कानूनी, बिक्री) के साथ मिलकर काम करना होता है। प्रभावी ढंग से समन्वय करने, जानकारी निकालने और आम सहमति बनाने की क्षमता सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।
- दबाव में काम करने की क्षमता (Ability to Work Under Pressure): टेंडर की अंतिम तिथियां अक्सर अटल होती हैं, और कार्यभार अत्यधिक हो सकता है। उच्च दबाव वाले माहौल में शांत और प्रभावी ढंग से काम करने की क्षमता आवश्यक है।
- कानूनी और व्यावसायिक समझ (Legal & Business Acumen): अनुबंधों की बुनियादी कानूनी शर्तों, अनुपालन आवश्यकताओं और व्यावसायिक नैतिकता की समझ होनी चाहिए। यह भी समझना चाहिए कि कंपनी के लिए क्या व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य है।
- सीखने की इच्छा और अनुकूलनशीलता (Eagerness to Learn & Adaptability): टेंडर प्रक्रियाएं, नियम और प्रौद्योगिकी लगातार विकसित हो रही हैं। एक सफल टेंडर एग्जीक्यूटिव को नई चीजों को सीखने और बदलती आवश्यकताओं के अनुकूल होने के लिए उत्सुक होना चाहिए।
टेंडर एग्जीक्यूटिव की भूमिका एक बहुमुखी प्रतिभा की मांग करती है – एक ऐसा व्यक्ति जो डेटा का विश्लेषण कर सके, उत्कृष्ट रूप से लिख सके, प्रभावी ढंग से संवाद कर सके, और सख्त समय-सीमा के भीतर काम कर सके। यह भूमिका उन लोगों के लिए है जो चुनौतियों से प्यार करते हैं और अपनी कंपनी की सफलता में प्रत्यक्ष योगदान देना चाहते हैं।
टेंडर एग्जीक्यूटिव के लिए करियर पथ और विकास
टेंडर एग्जीक्यूटिव की भूमिका केवल एक प्रारंभिक बिंदु नहीं है, बल्कि यह एक गतिशील करियर पथ का प्रवेश द्वार है जो विभिन्न उद्योगों में उन्नति और विशेषज्ञता के कई अवसर प्रदान करता है। एक बार जब आप इस भूमिका में अनुभव और विशेषज्ञता प्राप्त कर लेते हैं, तो आपके लिए प्रगति के द्वार खुल जाते हैं।
प्रवेश स्तर से वरिष्ठ पदों तक की यात्रा
प्रारंभिक स्तर: टेंडर/बिड एग्जीक्यूटिव या जूनियर टेंडर एनालिस्ट- मुख्य भूमिका: यह अक्सर वह जगह होती है जहाँ एक नया स्नातक या कम अनुभव वाला पेशेवर अपना करियर शुरू करता है।
- जिम्मेदारियां: इस स्तर पर, आप मुख्य रूप से वरिष्ठों की देखरेख में टेंडर खोजना, पात्रता मानदंड का प्रारंभिक विश्लेषण करना, दस्तावेजों को इकट्ठा करना, प्रस्तावों के लिए बुनियादी सामग्री तैयार करना और ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल्स पर बोली जमा करने में सहायता करना सीखते हैं। आपको डेटाबेस प्रबंधन और रिकॉर्ड-कीपिंग में भी शामिल किया जाएगा।
- आवश्यक कौशल: एमएस ऑफिस में दक्षता, विस्तार पर ध्यान, सीखने की इच्छा और अच्छा संचार।
- मुख्य भूमिका: अनुभव प्राप्त करने के बाद, आप इस स्तर पर पहुंचते हैं जहाँ आप अधिक जटिल और उच्च-मूल्य वाले टेंडरों को स्वतंत्र रूप से प्रबंधित करते हैं।
- जिम्मेदारियां: टेंडर रणनीति तैयार करना, विभिन्न आंतरिक टीमों के साथ समन्वय करना, प्रस्तावों के प्रमुख वर्गों को लिखना, मूल्य निर्धारण में सहायता करना, ग्राहक स्पष्टीकरणों का प्रबंधन करना, और टेंडर प्रक्रिया के अंत तक का स्वामित्व लेना। आप जूनियर एग्जीक्यूटिव्स का मार्गदर्शन भी कर सकते हैं।
- आवश्यक कौशल: मजबूत विश्लेषणात्मक कौशल, उत्कृष्ट परियोजना प्रबंधन क्षमताएं, नेतृत्व के गुण, दबाव में काम करने की क्षमता और बातचीत के बुनियादी कौशल।
- मुख्य भूमिका: इस स्तर पर, आप टेंडर और बिड प्रबंधन टीम के समग्र संचालन और रणनीति के लिए जिम्मेदार होते हैं।
- जिम्मेदारियां: टेंडर प्रक्रिया के लिए कंपनी की समग्र रणनीति विकसित करना, प्रमुख ग्राहकों के लिए बड़े और रणनीतिक टेंडरों का नेतृत्व करना, टेंडर टीम का प्रबंधन और प्रशिक्षण करना, व्यावसायिक विकास और बिक्री टीमों के साथ मिलकर काम करना, और टेंडर जीत दर में सुधार के लिए प्रक्रियाओं को अनुकूलित करना। आप बजट प्रबंधन और उच्च-स्तरीय निर्णय लेने में भी शामिल होते हैं।
- आवश्यक कौशल: मजबूत नेतृत्व और प्रबंधन कौशल, रणनीतिक सोच, उन्नत व्यावसायिक कौशल, उत्कृष्ट बातचीत और प्रस्तुति कौशल, और उद्योग का व्यापक ज्ञान।
- मुख्य भूमिका: यह कार्यकारी स्तर की भूमिका है जहाँ आप कंपनी के लिए नए व्यावसायिक अवसरों को सुरक्षित करने के लिए समग्र रणनीति का हिस्सा होते हैं।
- जिम्मेदारियां: कंपनी के विकास लक्ष्यों के साथ टेंडर रणनीति को संरेखित करना, नए बाजारों की पहचान करना, उच्च-स्तरीय संबंध बनाना, और कंपनी के राजस्व वृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में कार्य करना।
वेतनमान और उद्योग में विकास की संभावनाएं
टेंडर एग्जीक्यूटिव का वेतन अनुभव, स्थान, कंपनी के आकार और उद्योग के आधार पर भिन्न होता है।- प्रवेश स्तर (0-2 वर्ष का अनुभव): भारत में, शुरुआती टेंडर एग्जीक्यूटिव का वेतन ₹2.5 लाख से ₹4.5 लाख प्रति वर्ष हो सकता है।
- मध्य स्तर (3-7 वर्ष का अनुभव): सीनियर टेंडर एग्जीक्यूटिव या बिड मैनेजर का वेतन ₹5 लाख से ₹10 लाख प्रति वर्ष या उससे अधिक हो सकता है।
- वरिष्ठ स्तर (8+ वर्ष का अनुभव): टेंडर हेड या प्रपोजल मैनेजर जैसे पदों पर वेतन ₹12 लाख से ₹25 लाख प्रति वर्ष या उससे भी अधिक हो सकता है, खासकर बड़ी कंपनियों या विशेष उद्योगों में।
विकास की संभावनाएं:
टेंडर एग्जीक्यूटिव की भूमिका विभिन्न उद्योगों में मांग में है।- सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और सॉफ्टवेयर: सरकारी परियोजनाओं, ई-गवर्नेंस, और बड़े उद्यम समाधानों के लिए लगातार टेंडर निकलते रहते हैं।
- निर्माण और अवसंरचना (Construction & Infrastructure): सड़कें, पुल, भवन, और अन्य अवसंरचना परियोजनाओं के लिए भारी टेंडरिंग होती है।
- विनिर्माण (Manufacturing): मशीनरी, उपकरण, और कच्चे माल की खरीद के लिए।
- सलाहकार सेवाएं (Consulting Services): सरकारी सलाहकार परियोजनाओं, नीति निर्माण, और तकनीकी परामर्श के लिए।
- ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा (Energy & Renewable Energy): बिजली संयंत्रों, सौर परियोजनाओं, और संबंधित उपकरणों के लिए।
- स्वास्थ्य सेवा (Healthcare): अस्पताल के उपकरण, दवाएं, और चिकित्सा सेवाओं के लिए।
- रक्षा (Defense): सैन्य उपकरण और संबंधित सेवाओं की खरीद के लिए।
विशेषज्ञता के क्षेत्र
अनुभव के साथ, एक टेंडर एग्जीक्यूटिव विशिष्ट क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल कर सकता है:- तकनीकी बिडिंग विशेषज्ञ: किसी विशेष तकनीकी डोमेन (जैसे सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर, सिविल इंजीनियरिंग) में गहन विशेषज्ञता।
- वाणिज्यिक बिडिंग विशेषज्ञ: मूल्य निर्धारण रणनीतियों, वित्तीय मॉडलिंग और अनुबंध वार्ता पर ध्यान केंद्रित करना।
- सरकारी बिडिंग विशेषज्ञ: सरकारी खरीद नियमों, नीतियों और विशेष पोर्टल्स (जैसे GeM) की गहरी समझ।
- अंतर्राष्ट्रीय बिडिंग विशेषज्ञ: अंतर्राष्ट्रीय टेंडर प्रक्रियाओं, सांस्कृतिक बारीकियों और विभिन्न देशों के कानूनी फ्रेमवर्क का ज्ञान।
- प्रपोजल राइटिंग स्पेशलिस्ट: केवल प्रस्तावों की लेखन और संपादन गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करना, उन्हें अत्यधिक आकर्षक और क्लाइंट-केंद्रित बनाना।
टेंडर एग्जीक्यूटिव का करियर पथ न केवल स्थिर है बल्कि विकास और विशेषज्ञता के पर्याप्त अवसर भी प्रदान करता है। यह उन पेशेवरों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है जो अपनी विश्लेषणात्मक, संगठनात्मक और संचार क्षमताओं का उपयोग करते हुए सीधे कंपनी के व्यावसायिक विकास में योगदान करना चाहते हैं।
टेंडर एग्जीक्यूटिव के लिए नौकरी कैसे खोजें
एक टेंडर एग्जीक्यूटिव के रूप में करियर शुरू करना या उसमें प्रगति करना, सही रणनीति और लगन से किया जाए तो काफी सफल हो सकता है। नौकरी खोजने की प्रक्रिया में कई कदम शामिल होते हैं, जिनमें अपनी तैयारी से लेकर सही प्लेटफार्मों का उपयोग करना और प्रभावी ढंग से नेटवर्किंग करना शामिल है।
अपनी तैयारी करें: सीवी और कवर लेटर का महत्व
नौकरी की तलाश में सबसे पहला और महत्वपूर्ण कदम है एक प्रभावशाली सीवी (Curriculum Vitae) और कवर लेटर (Cover Letter) तैयार करना।- आकर्षक सीवी बनाएं:
- स्पष्ट और संक्षिप्त: सुनिश्चित करें कि आपका सीवी स्पष्ट, संक्षिप्त और पढ़ने में आसान हो। आदर्श रूप से, यह 2-3 पृष्ठों से अधिक नहीं होना चाहिए (अनुभव के आधार पर)।
- प्रासंगिक अनुभव उजागर करें: यदि आपके पास टेंडर या खरीद से संबंधित कोई भी अनुभव है (यहां तक कि इंटर्नशिप या परियोजनाएं भी), तो उसे प्रमुखता से उजागर करें। इसमें डेटा विश्लेषण, दस्तावेज़ प्रबंधन, या किसी भी समन्वय कार्य शामिल हो सकते हैं।
- कौशल सेट पर जोर दें: सभी तकनीकी और गैर-तकनीकी कौशल (जैसे एमएस एक्सेल दक्षता, विश्लेषणात्मक कौशल, विस्तार पर ध्यान, संचार क्षमता) को सूचीबद्ध करें और उदाहरणों के साथ उन्हें प्रदर्शित करें।
- उपलब्धियां शामिल करें: केवल जिम्मेदारियों को सूचीबद्ध न करें, बल्कि अपनी उपलब्धियों पर भी ध्यान केंद्रित करें। उदाहरण के लिए, "दस्तावेजों को समय पर जमा करने में सहायता की जिससे X% की दक्षता में सुधार हुआ" या "Y टेंडर जीतने में मदद की।"
- कीवर्ड का उपयोग करें: कई कंपनियां आवेदक ट्रैकिंग सिस्टम (ATS) का उपयोग करती हैं। सुनिश्चित करें कि आपका सीवी नौकरी विवरण में उपयोग किए गए "टेंडर," "बिड," "प्रस्ताव," "प्रोक्योरमेंट," "अनुबंध प्रबंधन" जैसे प्रमुख शब्दों से भरा हो।
- अनुकूलित कवर लेटर लिखें:
- प्रत्येक आवेदन के लिए अनुकूलित करें: एक सामान्य कवर लेटर भेजने से बचें। प्रत्येक कंपनी और नौकरी के लिए अपने कवर लेटर को अनुकूलित करें।
- रूचि व्यक्त करें: बताएं कि आप उस विशेष कंपनी में उस विशेष भूमिका में क्यों रुचि रखते हैं।
- अपने कौशल को भूमिका से जोड़ें: संक्षेप में बताएं कि आपके कौशल और अनुभव उस भूमिका की आवश्यकताओं से कैसे मेल खाते हैं।
- कंपनी के बारे में अनुसंधान: कंपनी के हाल के प्रोजेक्ट्स, उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्रों और उनके मूल्यों के बारे में कुछ जानकारी शामिल करें। यह दर्शाता है कि आपने अपना होमवर्क किया है।
ऑनलाइन जॉब पोर्टल्स और वेबसाइटें
ऑनलाइन जॉब पोर्टल्स टेंडर एग्जीक्यूटिव की नौकरियों को खोजने के लिए सबसे आम और प्रभावी तरीके हैं।- प्रमुख जॉब पोर्टल्स:
- भारत में लोकप्रिय: Naukri.com, LinkedIn, Indeed, Shine.com, Monster India. इन पोर्टल्स पर "टेंडर एग्जीक्यूटिव," "बिड एग्जीक्यूटिव," "प्रपोजल राइटर," "कॉन्ट्रैक्ट एग्जीक्यूटिव," "प्रोक्योरमेंट एग्जीक्यूटिव" जैसे कीवर्ड का उपयोग करके नौकरी अलर्ट सेट करें।
- LinkedIn: यह सिर्फ एक जॉब पोर्टल नहीं है, बल्कि एक पेशेवर नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म भी है। कंपनियों को फॉलो करें, उद्योग के पेशेवरों से जुड़ें, और नौकरी के अवसरों की तलाश करें।
- कंपनी की करियर वेबसाइटें:
- कई बड़ी कंपनियां, खासकर आईटी, निर्माण, विनिर्माण और कंसल्टिंग क्षेत्रों में, अपनी करियर वेबसाइटों पर सीधे रिक्तियों को पोस्ट करती हैं। यदि आपकी रुचि किसी विशेष कंपनी में है, तो उनकी वेबसाइट पर करियर अनुभाग की नियमित रूप से जांच करें।
- सरकारी ई-प्रोक्योरमेंट वेबसाइटें (अप्रत्यक्ष रूप से):
- हालांकि ये सीधे नौकरी पोस्ट नहीं करती हैं, इन वेबसाइटों पर टेंडरों की प्रकृति का विश्लेषण करने से आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि कौन सी कंपनियां सक्रिय रूप से सरकारी परियोजनाओं पर काम कर रही हैं। आप उन कंपनियों की पहचान कर सकते हैं और उनकी करियर वेबसाइटों या लिंक्डइन पेजों पर नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं।
नेटवर्किंग – अवसरों का निर्माण
नेटवर्किंग किसी भी करियर में महत्वपूर्ण है, और टेंडरिंग के क्षेत्र में भी यह अत्यधिक मूल्यवान है।- उद्योग के कार्यक्रमों और वेबिनार में भाग लें: यदि संभव हो, तो प्रासंगिक उद्योग के आयोजनों, सम्मेलनों और वेबिनार में भाग लें। ये आपको उद्योग के पेशेवरों से जुड़ने और संभावित नौकरी के अवसरों के बारे में जानने का अवसर प्रदान करते हैं।
- ऑनलाइन पेशेवर नेटवर्क:
- LinkedIn: लिंक्डइन पर सक्रिय रहें। टेंडरिंग और प्रोक्योरमेंट से संबंधित समूहों में शामिल हों, चर्चाओं में भाग लें, और अपने क्षेत्र के पेशेवरों से जुड़ें। आप सीधे हायरिंग मैनेजरों या टेंडर विभाग के प्रमुखों से भी संपर्क कर सकते हैं।
- पूर्व सहकर्मी और मित्र: अपने पेशेवर नेटवर्क को सूचित करें कि आप नौकरी की तलाश में हैं। रेफरल अक्सर सबसे अच्छे नौकरी के अवसर प्रदान करते हैं।
- मेंटरशिप: यदि संभव हो, तो किसी अनुभवी टेंडर पेशेवर से जुड़ें जो आपको मार्गदर्शन दे सके और आपको संभावित अवसरों के लिए प्रेरित कर सके।
रिक्रूटमेंट एजेंसियां और कंसल्टेंट
कुछ रिक्रूटमेंट एजेंसियां विशेष रूप से टेंडर और प्रोक्योरमेंट भूमिकाओं में विशेषज्ञ होती हैं।- इन एजेंसियों के साथ पंजीकरण करें और उन्हें अपनी अपेक्षाओं और कौशल के बारे में बताएं। उनके पास अक्सर ऐसी रिक्तियां होती हैं जो सार्वजनिक रूप से विज्ञापित नहीं होती हैं।
- वे आपको अपने सीवी को बेहतर बनाने और साक्षात्कार की तैयारी में भी मदद कर सकते हैं।
इंटर्नशिप और एंट्री-लेवल पोजीशन
यदि आपके पास इस क्षेत्र में कोई प्रत्यक्ष अनुभव नहीं है, तो इंटर्नशिप या एंट्री-लेवल पोजीशन से शुरुआत करना एक शानदार तरीका हो सकता है।- ये आपको व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने, उद्योग की प्रक्रियाओं को समझने और एक पेशेवर नेटवर्क बनाने में मदद करेंगे।
- कई कंपनियां टेंडर विभाग में इंटर्न या प्रशिक्षुओं को नियुक्त करती हैं जिन्हें बाद में पूर्णकालिक भूमिका में परिवर्तित किया जा सकता है।
साक्षात्कार की तैयारी
जब आपको साक्षात्कार के लिए बुलाया जाए, तो अच्छी तरह तैयारी करें:- कंपनी और भूमिका पर शोध करें: कंपनी की पृष्ठभूमि, उसके उत्पादों/सेवाओं और टेंडर एग्जीक्यूटिव की भूमिका की विशिष्ट आवश्यकताओं के बारे में पूरी जानकारी रखें।
- अपने अनुभव को जोड़ें: अपने पिछले अनुभवों को टेंडर प्रक्रिया के विभिन्न चरणों से कैसे जोड़ा जा सकता है, इसके बारे में सोचने के लिए तैयार रहें (उदाहरण के लिए, "आपने कैसे डेटा का विश्लेषण किया?", "आपने दबाव में कैसे काम किया?")।
- सामान्य साक्षात्कार प्रश्नों का अभ्यास करें: "अपनी कमजोरियां क्या हैं?", "आप दबाव में कैसे काम करते हैं?", "आप हमें इस भूमिका के लिए क्यों नियुक्त करें?" जैसे प्रश्नों के लिए तैयार रहें।
- प्रश्न पूछें: साक्षात्कारकर्ता से प्रश्न पूछने के लिए तैयार रहें। यह आपकी रुचि और जुड़ाव को दर्शाता है। कंपनी की टेंडर प्रक्रिया, टीम की संरचना और करियर के अवसरों के बारे में पूछें।
टेंडर एग्जीक्यूटिव के रूप में नौकरी ढूंढना एक व्यवस्थित और सक्रिय प्रक्रिया है। सही तैयारी, प्लेटफार्मों का विवेकपूर्ण उपयोग और मजबूत नेटवर्किंग से आप इस रोमांचक और पुरस्कृत करियर क्षेत्र में अपने लिए एक जगह बना सकते हैं।
टेंडर एग्जीक्यूटिव की चुनौतियां और पुरस्कार
हर करियर की तरह, टेंडर एग्जीक्यूटिव की भूमिका भी अपनी चुनौतियों और पुरस्कारों के अपने सेट के साथ आती है। इन दोनों पहलुओं को समझना महत्वपूर्ण है ताकि इस क्षेत्र में प्रवेश करने वाले व्यक्ति यथार्थवादी अपेक्षाएं रख सकें और सफलता के लिए मानसिक रूप से तैयार हो सकें।
चुनौतियां: राह में आने वाली बाधाएं
टेंडर एग्जीक्यूटिव की भूमिका रोमांचक हो सकती है, लेकिन यह कई चुनौतियों से भी भरी है जिनके लिए धैर्य, दृढ़ता और समस्या-समाधान कौशल की आवश्यकता होती है:
- सख्त समय-सीमा और उच्च दबाव:
- यह शायद सबसे बड़ी चुनौती है। टेंडर की अंतिम तिथियां अक्सर अटल होती हैं और इन्हें पूरा करने के लिए बहुत कम समय मिलता है। इसका मतलब है देर रात तक काम करना, सप्ताहांत में भी काम करना, और अत्यधिक दबाव में उच्च गुणवत्ता वाला काम देना।
- कई टेंडरों को एक साथ प्रबंधित करने से दबाव और बढ़ जाता है, जिससे तनाव हो सकता है।
- विस्तार और सटीकता की आवश्यकता:
- टेंडर दस्तावेज़ अत्यधिक जटिल होते हैं और उनमें छोटी से छोटी गलती, छूटी हुई जानकारी, या गलत गणना भी बोली को अयोग्य ठहरा सकती है। विस्तार पर त्रुटिहीन ध्यान एक चुनौती है जिसे लगातार बनाए रखना होता है।
- कानूनी और वाणिज्यिक खंडों की बारीकियों को समझना और उनका सही ढंग से पालन करना महत्वपूर्ण है।
- अंतर-विभागीय समन्वय की जटिलता:
- टेंडर एग्जीक्यूटिव को विभिन्न विभागों (बिक्री, तकनीकी, वित्त, कानूनी, संचालन) से जानकारी इकट्ठा करनी होती है। प्रत्येक विभाग की अपनी प्राथमिकताएं और समय-सीमा होती हैं, जिससे समन्वय में देरी या चुनौतियां आ सकती हैं।
- जानकारी के लिए लगातार फॉलो-अप करना और आंतरिक बाधाओं को दूर करना एक कौशल है जो विकसित करना होता है।
- प्रतियोगिता और हार का सामना करना:
- टेंडर की दुनिया अत्यधिक प्रतिस्पर्धी है। कई बार, अपनी सर्वोत्तम कोशिश के बावजूद, आप टेंडर हार सकते हैं। इससे निराशा हो सकती है।
- हार के कारणों का विश्लेषण करना और सीखना महत्वपूर्ण है, लेकिन यह मानसिक रूप से थकाऊ हो सकता है।
- बदलते नियम और विनियम:
- सरकारी खरीद नीतियां, ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल की कार्यप्रणाली, और उद्योग के नियम लगातार बदलते रहते हैं। टेंडर एग्जीक्यूटिव को इन परिवर्तनों के साथ अपडेट रहना होता है, जो एक सतत सीखने की प्रक्रिया है।
- नए नियमों के अनुकूल होना और यह सुनिश्चित करना कि सभी बोलियां अनुपालन करती हैं, एक चुनौती हो सकती है।
- सूचना की कमी या अस्पष्टता:
- कभी-कभी, टेंडर दस्तावेज़ अस्पष्ट या अपूर्ण हो सकते हैं, जिससे आवश्यकताओं को पूरी तरह से समझना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में स्पष्टीकरण मांगना (जो अक्सर एक औपचारिक प्रक्रिया होती है) और अपने अंत पर मान्यताओं के साथ आगे बढ़ना एक चुनौती हो सकती है।
- तकनीकी बाधाएं:
- ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल्स पर तकनीकी ग्लिच, सर्वर की समस्या, या अपलोड करने में कठिनाइयां अंतिम समय में तनाव बढ़ा सकती हैं।
पुरस्कार: सफलता की संतुष्टि
चुनौतियों के बावजूद, टेंडर एग्जीक्यूटिव की भूमिका अविश्वसनीय रूप से फायदेमंद और संतोषजनक हो सकती है।- प्रत्यक्ष व्यावसायिक प्रभाव:
- शायद सबसे बड़ा पुरस्कार यह जानना है कि आप सीधे कंपनी के राजस्व और विकास में योगदान दे रहे हैं। जब आपकी तैयार की गई बोली जीत जाती है, तो यह एक बड़ी उपलब्धि और संतुष्टि की भावना प्रदान करती है।
- आप अपनी कंपनी को नई परियोजनाओं, नए ग्राहकों और नए बाजारों में प्रवेश करने में मदद करते हैं, जिसका सीधा प्रभाव कंपनी की निचली रेखा पर पड़ता है।
- निरंतर सीखने और विकास के अवसर:
- यह भूमिका आपको विभिन्न उद्योगों, तकनीकों, कानूनी पहलुओं और व्यावसायिक रणनीतियों के बारे में लगातार सीखने का अवसर देती है। आप हमेशा कुछ नया सीख रहे होंगे, जिससे आपका कौशल सेट समृद्ध होगा।
- आपकी विश्लेषणात्मक, संगठनात्मक, और संचार क्षमताओं का लगातार परीक्षण और सुधार होता है।
- उद्योग और ग्राहक ज्ञान का निर्माण:
- विभिन्न टेंडरों पर काम करते हुए, आप विभिन्न उद्योगों की गहरी समझ और ग्राहकों की विशिष्ट आवश्यकताओं के बारे में ज्ञान प्राप्त करते हैं। यह ज्ञान आपको एक मूल्यवान संपत्ति बनाता है।
- आप बाजार के रुझानों और प्रतिस्पर्धा के बारे में अंतर्दृष्टि विकसित करते हैं।
- टीम वर्क और सहयोग:
- हालांकि समन्वय चुनौतीपूर्ण हो सकता है, यह आपको कंपनी के विभिन्न विभागों के साथ मिलकर काम करने का अवसर भी देता है। यह आपको मजबूत संबंध बनाने और यह समझने में मदद करता है कि एक संगठन कैसे समग्र रूप से कार्य करता है।
- एक टीम के रूप में एक जटिल बोली को सफलतापूर्वक जमा करने की भावना बहुत संतोषजनक होती है।
- विविधता और कोई भी दो दिन एक जैसे नहीं:
- टेंडर की दुनिया में शायद ही कोई दो दिन एक जैसे होते हैं। प्रत्येक टेंडर एक नई चुनौती, एक नया ग्राहक, और एक नई सीखने की अवस्था प्रस्तुत करता है। यह उन लोगों के लिए आदर्श है जो एकरसता से बचना चाहते हैं।
- करियर में उन्नति और विशेषज्ञता:
- टेंडर एग्जीक्यूटिव की भूमिका में स्पष्ट करियर प्रगति पथ हैं। कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ, आप एक जूनियर भूमिका से नेतृत्व की स्थिति तक आगे बढ़ सकते हैं और एक मूल्यवान विशेषज्ञ बन सकते हैं।
- विशेषज्ञता के माध्यम से, आप अपने क्षेत्र में एक प्राधिकरण बन सकते हैं।
आज के प्रतिस्पर्धी व्यवसाय परिदृश्य में, टेंडर एग्जीक्यूटिव की भूमिका एक कंपनी की सफलता और स्थिरता के लिए अपरिहार्य है। वे केवल कागजी कार्रवाई करने वाले नहीं हैं, बल्कि वे रणनीतिकारों, समन्वयकों और विस्तार-उन्मुख पेशेवरों का एक महत्वपूर्ण मिश्रण हैं जो नए व्यावसायिक अवसरों को सुरक्षित करने के लिए पर्दे के पीछे अथक प्रयास करते हैं।
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