भारत में आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करना प्रत्येक नागरिक का एक महत्वपूर्ण वित्तीय दायित्व है जिसकी आय एक निश्चित सीमा से अधिक है। यह न केवल कानूनी अनिवार्यता है, बल्कि यह आपकी वित्तीय स्थिति को ट्रैक करने और विभिन्न वित्तीय लाभों का दावा करने का एक तरीका भी है। यह विस्तृत मार्गदर्शिका आपको ITR फाइलिंग की पूरी प्रक्रिया को समझने में मदद करेगी, जिसमें आवश्यक दस्तावेज, विभिन्न ITR फॉर्म, फाइलिंग के चरण और कुछ महत्वपूर्ण बातें शामिल हैं।
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आयकर रिटर्न (ITR) |
आयकर रिटर्न (ITR) भारतीय आयकर विभाग के लिए एक दस्तावेज है जिसमें आपकी आय, कटौतियां (deductions), और कर भुगतान (tax paid) का विवरण होता है। यह सरकार को यह निर्धारित करने में मदद करता है कि आपने कितना आयकर चुकाया है या आपको कितना रिफंड मिलना चाहिए। ITR फाइलिंग अब काफी हद तक ऑनलाइन हो गई है, जिससे यह प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक सुविधाजनक हो गई है।
ITR फाइलिंग क्यों महत्वपूर्ण है?
- कानूनी अनुपालन: आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार, यदि आपकी आय निर्धारित सीमा से अधिक है, तो ITR फाइल करना अनिवार्य है।
- ऋण और वीज़ा आवेदन: होम लोन, कार लोन, या पर्सनल लोन के लिए आवेदन करते समय ITR एक महत्वपूर्ण आय प्रमाण के रूप में कार्य करता है। वीज़ा आवेदन के लिए भी यह अक्सर आवश्यक होता है।
- रिफंड का दावा: यदि आपने स्रोत पर कर कटौती (TDS) या अग्रिम कर (Advance Tax) के रूप में अपनी वास्तविक कर देयता से अधिक कर का भुगतान किया है, तो ITR फाइल करके आप रिफंड का दावा कर सकते हैं।
- हानियों को आगे बढ़ाना: यदि आपको किसी वित्तीय वर्ष में कोई हानि हुई है (जैसे पूंजीगत हानि), तो आप उसे भविष्य के वर्षों में समायोजित करने के लिए ITR फाइल करके आगे बढ़ा सकते हैं।
- त्वरित प्रोसेसिंग: ऑनलाइन फाइलिंग से ITR की प्रोसेसिंग तेज होती है और रिफंड भी जल्दी मिलता है।
ITR फाइल करने से पहले आवश्यक दस्तावेज:
ITR फाइल करने से पहले आपके पास सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार होने चाहिए। यह प्रक्रिया को सुचारू और त्रुटि रहित बनाता है।
- पैन कार्ड (PAN Card): यह सबसे महत्वपूर्ण पहचान दस्तावेज है।
- आधार कार्ड (Aadhaar Card): आयकर विभाग के नियमों के अनुसार, ITR फाइलिंग के लिए पैन को आधार से लिंक करना अनिवार्य है।
- फॉर्म 16 (Form 16): यह आपके नियोक्ता (employer) द्वारा जारी किया जाता है और इसमें वेतन आय, TDS कटौती और अन्य विवरण शामिल होते हैं। यदि आपके पास एक से अधिक नियोक्ता थे, तो प्रत्येक नियोक्ता से फॉर्म 16 प्राप्त करें।
- फॉर्म 16A/16B/16C (Form 16A/16B/16C):
- फॉर्म 16A: वेतन के अलावा अन्य आय (जैसे FD ब्याज, किराया आय) पर TDS कटौती का विवरण।
- फॉर्म 16B: संपत्ति की बिक्री पर TDS कटौती का विवरण।
- फॉर्म 16C: किराये पर TDS कटौती का विवरण (यदि लागू हो)।
- फॉर्म 26AS (Form 26AS): यह एक एकीकृत कर विवरण है जिसमें आपके पैन नंबर के खिलाफ जमा किए गए सभी करों (TDS, TCS, अग्रिम कर, स्व-मूल्यांकन कर) का विवरण होता है। इसे आयकर विभाग की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपके फॉर्म 16 और अन्य TDS प्रमाणपत्रों में उल्लिखित TDS विवरण फॉर्म 26AS से मेल खाते हों।
- AIS (Annual Information Statement) और TIS (Taxpayer Information Summary): ये नए स्टेटमेंट हैं जो आयकर विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं। इनमें विभिन्न स्रोतों से आपकी वित्तीय जानकारी का अधिक विस्तृत विवरण होता है, जैसे बचत खाते से ब्याज, लाभांश, प्रतिभूति लेनदेन आदि। ITR फाइल करने से पहले AIS/TIS की समीक्षा करना महत्वपूर्ण है ताकि कोई आय छूट न जाए।
- बैंक स्टेटमेंट/पासबुक: बचत खाते पर प्राप्त ब्याज, सावधि जमा (FD) पर ब्याज, और अन्य बैंक लेनदेन का विवरण।
- निवेश का प्रमाण:
- जीवन बीमा प्रीमियम भुगतान रसीदें: धारा 80C के तहत कटौती का दावा करने के लिए।
- स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम भुगतान रसीदें: धारा 80D के तहत कटौती का दावा करने के लिए।
- PPF, ELSS, NPS, सुकन्या समृद्धि योजना, आदि के लिए निवेश प्रमाण: धारा 80C, 80CCD के तहत कटौती के लिए।
- होम लोन ब्याज प्रमाणपत्र: धारा 24(b) के तहत कटौती का दावा करने के लिए।
- शिक्षा ऋण ब्याज प्रमाणपत्र: धारा 80E के तहत कटौती का दावा करने के लिए।
- दान की रसीदें: यदि आपने धारा 80G के तहत कटौती का दावा करने के लिए किसी पंजीकृत संस्था को दान दिया है।
- किराए की रसीदें (यदि लागू हो): यदि आप किराए के मकान में रहते हैं और HRA छूट का दावा कर रहे हैं या धारा 80GG के तहत कटौती का दावा कर रहे हैं।
- पूंजीगत लाभ का विवरण (यदि लागू हो): यदि आपने संपत्ति, शेयर, म्यूचुअल फंड आदि बेचे हैं, तो खरीद और बिक्री का विवरण।
- अन्य आय का विवरण: यदि आपको अन्य स्रोतों जैसे किराया आय, पेशेवर आय, फ्रीलांस आय आदि से आय हुई है, तो उसका विस्तृत विवरण।
सही ITR फॉर्म का चुनाव:
आयकर विभाग ने विभिन्न प्रकार के करदाताओं और आय के स्रोतों के लिए अलग-अलग ITR फॉर्म निर्धारित किए हैं। सही फॉर्म का चयन करना महत्वपूर्ण है:- ITR-1 (सहज): यह सबसे सामान्य फॉर्म है और उन व्यक्तियों के लिए है जिनकी कुल आय ₹50 लाख तक है और आय के स्रोत निम्नलिखित हैं:
- वेतन या पेंशन
- एक घर की संपत्ति से आय
- अन्य स्रोत (बचत बैंक खाते से ब्याज, सावधि जमा ब्याज, लाभांश आदि)
- कृषि आय ₹5,000 तक।
- यह उन व्यक्तियों के लिए नहीं है जो: निदेशक हैं, असूचीबद्ध इक्विटी शेयर रखते हैं, या व्यावसायिक/पेशागत लाभ से आय रखते हैं।
- ITR-2: यह उन व्यक्तियों और HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) के लिए है जिनकी कुल आय ₹50 लाख से अधिक है या जिनकी आय निम्नलिखित स्रोतों से है:
- एक से अधिक घर की संपत्ति से आय
- पूंजीगत लाभ (दीर्घकालिक/अल्पकालिक)
- विदेशी संपत्ति/आय
- कृषि आय ₹5,000 से अधिक
- लाभांश आय
- निदेशक हैं या असूचीबद्ध इक्विटी शेयर रखते हैं।
- यह व्यावसायिक/पेशागत लाभ से आय वाले व्यक्तियों के लिए नहीं है।
- ITR-3: यह उन व्यक्तियों और HUF के लिए है जिनकी आय व्यावसायिक या पेशागत लाभ से है। इसमें वे लोग भी शामिल हैं जिनकी आय ITR-2 के तहत कवर होती है लेकिन उनके पास व्यावसायिक/पेशागत आय भी है।
- ITR-4 (सुगम): यह उन व्यक्तियों, HUF और फर्मों (LLP के अलावा) के लिए है जिनकी कुल आय ₹50 लाख तक है और आय व्यावसायिक या पेशागत लाभ से है, जिसे आयकर अधिनियम की धारा 44AD, 44ADA या 44AE के तहत अनुमानित आधार पर दर्शाया गया है।
- ITR-5: यह उन व्यक्तियों के अलावा अन्य निकायों (जैसे फर्म, LLP, AOP, BOI आदि) के लिए है।
- ITR-6: यह उन कंपनियों के लिए है जो धारा 11 के तहत छूट का दावा नहीं कर रही हैं।
- ITR-7: यह उन व्यक्तियों/कंपनियों के लिए है जिन्हें धारा 139(4A) (धर्मार्थ/धार्मिक ट्रस्ट), 139(4B) (राजनीतिक दल), 139(4C) (वैज्ञानिक अनुसंधान संघ), या 139(4D) (विश्वविद्यालय/कॉलेज) के तहत रिटर्न दाखिल करना आवश्यक है।
ITR फाइलिंग के चरण:
ITR फाइलिंग की प्रक्रिया मुख्य रूप से ऑनलाइन होती है और इसे आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट के माध्यम से किया जा सकता है।
- चरण 1: सभी आवश्यक दस्तावेज इकट्ठा करें: जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, सुनिश्चित करें कि आपके पास सभी दस्तावेज (पैन, आधार, फॉर्म 16, 26AS, AIS, निवेश प्रमाण आदि) तैयार हैं।
- चरण 2: सही ITR फॉर्म का चयन करें: अपनी आय के स्रोत और प्रकार के आधार पर उपयुक्त ITR फॉर्म चुनें।
- चरण 3: अपनी आय की गणना करें:
- अपनी सभी स्रोतों से आय को एक साथ जोड़ें (वेतन, घर की संपत्ति, पूंजीगत लाभ, अन्य स्रोत, व्यावसायिक/पेशागत आय)।
- फॉर्म 16, 26AS, AIS और अपने बैंक स्टेटमेंट का उपयोग करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी आय छूट न जाए।
- चरण 4: कटौतियों का दावा करें (Deductions):
- आयकर अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत उपलब्ध कटौतियों का लाभ उठाएं (जैसे 80C, 80D, 80G, 80TTA, 80E, 24(b) आदि)।
- सुनिश्चित करें कि आपके पास इन कटौतियों का दावा करने के लिए उचित प्रमाण हैं।
- चरण 5: कुल कर योग्य आय और कर देयता की गणना करें:
- कुल आय से अनुमत कटौतियां घटाएं। यह आपकी कुल कर योग्य आय होगी।
- लागू आयकर स्लैब दरों के अनुसार अपनी कर देयता की गणना करें।
- चरण 6: TDS/TCS/अग्रिम कर का मिलान करें:
- फॉर्म 26AS में उल्लिखित TDS/TCS और आपके द्वारा भुगतान किए गए अग्रिम कर/स्व-मूल्यांकन कर को अपनी कुल कर देयता से मिलाएं।
- यदि आपने अतिरिक्त कर का भुगतान किया है, तो आप रिफंड के पात्र होंगे। यदि आपने कम भुगतान किया है, तो आपको ITR फाइल करने से पहले शेष कर का भुगतान करना होगा।
- चरण 7: आयकर ई-फाइलिंग वेबसाइट पर लॉग इन करें:
- आयकर विभाग की आधिकारिक ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाएं: www.incometax.gov.in
- यदि आप पहले से पंजीकृत नहीं हैं, तो पंजीकरण करें। यदि आप पंजीकृत हैं, तो अपने पैन और पासवर्ड का उपयोग करके लॉग इन करें।
- चरण 8: ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड चुनें:
- ऑनलाइन मोड (ई-फाइल): आप सीधे वेबसाइट पर अपना ITR विवरण दर्ज कर सकते हैं। यह उन लोगों के लिए सुविधाजनक है जिनकी आय के स्रोत सरल हैं (जैसे वेतनभोगी व्यक्ति ITR-1 फाइल कर रहे हैं)।
- ऑफलाइन मोड (यूटिलिटी): आप आयकर विभाग की वेबसाइट से ITR यूटिलिटी (जावा या एक्सेल) डाउनलोड कर सकते हैं। इसमें अपना विवरण दर्ज करें, एक XML फ़ाइल जेनरेट करें, और फिर उसे वेबसाइट पर अपलोड करें। यह उन लोगों के लिए उपयुक्त है जिनकी आय के स्रोत अधिक जटिल हैं या जिन्हें ITR-2, ITR-3, ITR-4 आदि फाइल करना है।
- चरण 9: ITR फॉर्म भरें:
- अपने द्वारा चुने गए मोड के अनुसार ITR फॉर्म में सभी आवश्यक विवरण दर्ज करें।
- व्यक्तिगत जानकारी, आय का विवरण, कटौतियों का विवरण, कर भुगतान का विवरण आदि को ध्यानपूर्वक भरें।
- प्री-फिल किए गए डेटा की सावधानीपूर्वक जांच करें। आयकर विभाग अब फॉर्म 26AS और AIS से कई विवरण प्री-फिल करता है। सुनिश्चित करें कि ये विवरण सही हैं और यदि आवश्यक हो तो उन्हें संपादित करें।
- चरण 10: ITR का पूर्वावलोकन और सत्यापन करें:
- फॉर्म भरने के बाद, सभी प्रविष्टियों की सावधानीपूर्वक समीक्षा करें। किसी भी त्रुटि को ठीक करें।
- सुनिश्चित करें कि आपने सभी लागू कटौतियों और छूटों का दावा किया है।
- कर का भुगतान (यदि देय हो): यदि आपकी कोई कर देयता है, तो ITR फाइल करने से पहले ऑनलाइन (नेट बैंकिंग/डेबिट कार्ड) या चालान 280 के माध्यम से उसका भुगतान करें। भुगतान के बाद, भुगतान विवरण ITR फॉर्म में दर्ज करें।
- चरण 11: ITR दाखिल करें (Submit):
- एक बार जब आप पूरी तरह से संतुष्ट हो जाएं, तो ITR दाखिल करने के लिए 'Submit' बटन पर क्लिक करें।
- चरण 12: ITR का सत्यापन करें (ई-सत्यापन):
- ITR दाखिल करने के बाद, इसे सत्यापित करना अनिवार्य है। यदि आप इसे सत्यापित नहीं करते हैं, तो आपका ITR अमान्य माना जाएगा। सत्यापन के कई तरीके हैं:
- आधार OTP के माध्यम से: यह सबसे आसान और सबसे पसंदीदा तरीका है। आपके आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर एक OTP आएगा, जिसे दर्ज करके आप अपना ITR सत्यापित कर सकते हैं।
- नेट बैंकिंग के माध्यम से: आप अपने बैंक के नेट बैंकिंग पोर्टल में लॉग इन करके ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जा सकते हैं और ITR को सत्यापित कर सकते हैं।
- बैंक खाते के माध्यम से पूर्व-सत्यापित: यदि आपका बैंक खाता ई-फाइलिंग पोर्टल पर पूर्व-सत्यापित है, तो आप ITR को सत्यापित करने के लिए बैंक खाते के माध्यम से उत्पन्न OTP का उपयोग कर सकते हैं।
- डीमैट खाते के माध्यम से पूर्व-सत्यापित: यदि आपका डीमैट खाता ई-फाइलिंग पोर्टल पर पूर्व-सत्यापित है, तो आप ITR को सत्यापित करने के लिए डीमैट खाते के माध्यम से उत्पन्न OTP का उपयोग कर सकते हैं।
- बैंक ATM के माध्यम से ITR-V प्राप्त करना: आप अपने बैंक ATM का उपयोग करके ITR-V प्राप्त कर सकते हैं और फिर उसे ई-फाइलिंग वेबसाइट पर सत्यापित कर सकते हैं।
- हस्ताक्षरित ITR-V को CPC बैंगलोर भेजना: यदि आप उपरोक्त में से किसी भी तरीके से ई-सत्यापन नहीं कर सकते हैं, तो आप अपने ITR-V (पावती फॉर्म) का प्रिंटआउट ले सकते हैं, उस पर हस्ताक्षर कर सकते हैं, और उसे दाखिल करने के 30 दिनों के भीतर स्पीड पोस्ट द्वारा केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र (CPC), बैंगलोर को भेज सकते हैं। यह तरीका अब कम इस्तेमाल होता है क्योंकि अधिकांश लोग ई-सत्यापन का उपयोग करते हैं। ध्यान दें कि 1 अगस्त 2022 से ITR-V भेजने की समय सीमा 120 दिन से घटाकर 30 दिन कर दी गई है।
महत्वपूर्ण बातें और सामान्य गलतियाँ:
- समय सीमा का पालन करें: प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए ITR फाइलिंग की समय सीमा 31 जुलाई होती है (व्यक्तिगत करदाताओं के लिए जिनके खातों का ऑडिट नहीं होता)। समय सीमा के बाद ITR फाइल करने पर जुर्माना (Late Fee) लग सकता है।
- सही वित्तीय वर्ष/निर्धारण वर्ष का चयन करें: सुनिश्चित करें कि आप सही वित्तीय वर्ष (जिस वर्ष आपने आय अर्जित की) और निर्धारण वर्ष (जिस वर्ष आप ITR फाइल कर रहे हैं) का चयन कर रहे हैं।
- फॉर्म 26AS और AIS का मिलान करें: यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपकी सभी आय और TDS विवरण सही ढंग से रिपोर्ट किए गए हैं, हमेशा फॉर्म 26AS और AIS में उपलब्ध जानकारी का अपनी आय और TDS प्रमाणपत्रों से मिलान करें।
- छोटे से छोटे आय स्रोत का भी उल्लेख करें: बैंक बचत खाते से ब्याज, सावधि जमा ब्याज, लाभांश आदि जैसे सभी छोटे आय स्रोतों को भी ITR में घोषित करें।
- सभी कटौतियों का दावा करें: यदि आप किसी कटौती के पात्र हैं, तो उसका दावा करना न भूलें। इससे आपकी कर योग्य आय कम होगी।
- बैंक खाता विवरण सही भरें: यदि आप रिफंड के पात्र हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा प्रदान किया गया बैंक खाता विवरण (खाता संख्या, IFSC कोड) सही है, ताकि रिफंड बिना किसी देरी के आपके खाते में जमा हो सके।
- एक बार में सभी जानकारी भरें: यदि संभव हो, तो एक ही बार में ITR भरने का प्रयास करें ताकि कोई जानकारी छूट न जाए।
- पेशेवर की सहायता लें: यदि आपकी आय के स्रोत जटिल हैं, या आप अनिश्चित हैं, तो किसी योग्य कर सलाहकार या चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की सहायता लेना हमेशा बुद्धिमानी है।
- पुराने ITR को संभाल कर रखें: अपने ITR की एक प्रति और उससे संबंधित सभी दस्तावेजों को भविष्य के संदर्भ के लिए सुरक्षित रखें। आयकर विभाग कभी भी पिछले वर्षों के रिकॉर्ड मांग सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):
- क्या ITR फाइल करना अनिवार्य है यदि मेरी आय कर योग्य सीमा से कम है?
- नहीं, यदि आपकी सकल कुल आय (ग्रॉस टोटल इनकम) मूल छूट सीमा से कम है, तो ITR फाइल करना अनिवार्य नहीं है। हालांकि, कुछ मामलों में (जैसे विदेश यात्रा पर अधिक खर्च करना, उच्च बिजली बिल), सरकार ने ITR फाइल करना अनिवार्य कर दिया है, भले ही आय कर योग्य न हो। यह सलाह दी जाती है कि ITR फाइल करें, क्योंकि यह आय का प्रमाण होता है और विभिन्न वित्तीय कार्यों में सहायक होता है।
- यदि मैं ITR फाइल करना भूल जाऊं तो क्या होगा?
- यदि आप नियत तारीख तक ITR फाइल नहीं करते हैं, तो आप बिलेटेड रिटर्न (Belated Return) फाइल कर सकते हैं। हालांकि, इस पर जुर्माना (Late Fee) लग सकता है। 5 लाख तक की आय वालों के लिए ₹1,000 और 5 लाख से अधिक की आय वालों के लिए ₹5,000 तक का जुर्माना लग सकता है।
- मैं अपना ITR रिफंड कैसे ट्रैक कर सकता हूं?
- आप आयकर ई-फाइलिंग वेबसाइट या NSDL वेबसाइट पर "रिफंड स्टेटस" विकल्प का उपयोग करके अपने ITR रिफंड की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं।
- क्या मैं ITR में गलती होने पर उसे संशोधित कर सकता हूं?
- हाँ, यदि आपने ITR फाइल कर दिया है और आपको कोई गलती मिलती है, तो आप एक संशोधित रिटर्न (Revised Return) फाइल कर सकते हैं। इसे निर्धारण वर्ष के अंत तक या मूल्यांकन पूरा होने से पहले फाइल किया जा सकता है, जो भी पहले हो।
- क्या ITR फाइल करने के लिए किसी विशेष सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है?
- नहीं, आप सीधे आयकर विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन ITR भर सकते हैं। हालांकि, कई थर्ड-पार्टी सॉफ्टवेयर और वेबसाइटें भी हैं जो ITR फाइलिंग को आसान बनाने के लिए सेवाएं प्रदान करती हैं।
ITR फाइलिंग एक सरल प्रक्रिया हो सकती है यदि आप सभी आवश्यक जानकारी और दस्तावेजों के साथ तैयार हों। यह एक महत्वपूर्ण वित्तीय जिम्मेदारी है जो आपको कर कानूनों का पालन करने, अपनी वित्तीय स्थिति का प्रबंधन करने और संभावित कर लाभों का लाभ उठाने में मदद करती है। यदि आपको किसी भी चरण में संदेह या कठिनाई महसूस होती है, तो पेशेवर सहायता लेने में संकोच न करें। समय पर और सही ITR फाइल करना न केवल आपको जुर्माने से बचाता है बल्कि आपकी वित्तीय विश्वसनीयता भी बढ़ाता है।
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